भगवद स्मरण करें
लोग कहते हैं, हम मानवता धर्म को मानते हैं। यह कैसा धर्म है? वास्तव में भारत भूमि से जुड़ा मनुष्य जीवन सच्चा जीवन है, वैदिक सनातन धर्म से जुड़ा हुआ मनुष्य जीवन ही प्रशस्त है। सडक़ से दूर धान के खेत में कोई गाड़ी फंसी हो, तो पेट्रोलिंग वाले भी उसे कुछ नहीं बोलते, कोई मूर्ख आदमी होगा, जो गाड़ी को खेत में ले गया, फंसी रहने दो, जो गाड़ी नेशनल हाईवे पर हो, उसकी मदद की जा सकती है, लेकिन जो गाड़ी मार्ग पर ही नहीं है, उसकी मदद कौन करेगा? पश्चिम में जहां न औरत का ठिकाना, न बाप की चिंता, न भोजन की स्वच्छता न धन की पवित्रता, न दया, न संयम, यह कैसा मानवता धर्म है। भारत में तो वैदिक सनातन धर्म है, लोग सुबह उठते हैं, तो हथेली पर ही ईश्वर के दर्शन करते हैं। भगवान के नाम से सुबह की शुरुआत करता है। पृथ्वी पर पांव रखने से पहले उसे प्रणाम करते हैं, ईष्ट देव को प्रमाण करते हैं। पग-पग पर भगवद् स्मरण, यही सनातन जीवन है।
दु:ख क्यों होता है?
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