भ्रूण हत्या केवल समाज का संतुलन ही नहीं बिगाड़ रही है, केवल शादी की समस्या ही नहीं पैदा कर रही है, आतंकवाद का विस्तार भी कर रही है, जो दुनिया की सबसे बड़ी समस्या है। विचार के क्रम में मेरे मन में यह भाव भी आया कि लंका में सारे दुराचार होते थे, लूट, अत्याचार, व्यभिचार, अपहरण, लेकिन भ्रूण हत्या नहीं होती थी, आपस में वहां भाईचारा था। विभिषण का भी सम्मान था, कुम्भकर्ण का भी सम्मान था। हां, लंका में भोग की वृत्ति गलत थी।वैसे अपने राष्ट्र में कन्या द्रोह पुराना है। राजा लोग, क्षत्रिय लोग लड़कियों को विष चटा देते थे कि किसी के सामने सिर नहीं झुकाना पड़ेगा। लडक़ी हो जाए, तो सिर झुकाना पड़ता है। राम राज्य में यह परंपरा नहीं थी।
दु:ख क्यों होता है?
दु:ख क्यों होता है?
पूज्य महाराजजी के सद्विचारों को वास्तव में प्रसारित करने की आवश्यकता है.
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