श्रीमठ के ठीक सामने का घाट और श्रीमठ की बोट (सबसे
बड़ी वाली), बनारस की गलियों में जब भीड़ रहती है, तब महाराज जगदगुरु इसी
बोट के सहारे दूसरी घाट पर जाकर वहां किसी सड़क वाहन में विराजते हैं.
श्रीमठ तक किसी सड़क वाहन के जाने की सुविधा नहीं है. श्रीमठ से करीब एक सवा
किलोमीटर दूर वाहन छोड़ देना पड़ता है, और फिर गलियों से होते हुए करीब
दस- बारह जगह मुड़ने के बाद गंगा और श्रीमठ के दर्शन होते हैं. जब गलियों
में ज्यादा भीड़ नहीं होती और जगदगुरु के पास पूरा समय होता है तो वे भी
गलियों से होते हुए लोगों को दर्शन देते हुए निकलते हैं.
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