Sunday, 24 August 2025

धर्म से भोग भी मिलेगा और मोक्ष भी

धर्म से क्या मिलेगा - प्रवचन पुस्तिका का लोकार्पण 

वाराणसी। समाज में सामान्य धारणा है कि धर्म से केवल मोक्ष मिलता है, जबकि धर्म से भौतिक जगत में भी हर प्रकार के भोग प्राप्त होते हैं। धर्म की व्यापक भूमिका पर ऐसे ही प्रकाश डालती रामानंदाचार्य स्वामी रामनरेशाचार्य जी की प्रवचन पुस्तिका का लोकार्पण हुआ है। 

जगद्गुरू रामानंदाचार्य स्वामी श्रीरामनरेशाचार्य की अनुकंपा से उनकी छठी प्रवचन पुस्तिका 'धर्म से क्या मिलेगा' का लोकार्पण श्रीविहारम आश्रम, कबीर चौरा के निकट बनारस में संपन्न हुआ है। इस पावन अवसर पर स्वामी श्रीरामनरेशाचार्य ने कहा कि धर्म से लौकिक उन्नति भी प्राप्त होती है और अलौकिक उन्नति भी। धर्म से भोग भी मिलता है और मोक्ष भी। महर्षि कणाद का रचित एक श्लोक है - यतोsअभ्युदयनिःश्रेयससिद्धिः स धर्मः। 

जीवन के लिए व्यावहारिक इस प्रवचन संग्रह में मानव जीवन में धर्म की महत्ता पर प्रकाश डाला गया है। इस पावन संग्रह में गुरुदेव महाराज ने अपने प्रमुख गुरुजन को भी बहुत भाव से याद किया है। एक प्रवचन केवल निरोग रहने की कला पर केंद्रित है, तो अन्य प्रवचन विवेक पर केंद्रित है। एक विरल प्रवचन में महाराज ने अपनी अमरनाथ यात्रा को स्मरण करते हुए समझाया है कि तीर्थ कैसे करना चाहिए। प्रवचन पुस्तिका में तीन लेख महाराज के परिचय पर केंद्रित हैं।

स्वामी श्रीरामनरेशाचार्य जी आजकल अपने वाराणसी स्थित आश्रम श्रीविहारम में ही चातुर्मास कर रहे हैं। इस पावन अवसर के साक्षी बने गुरुदेव महाराज के अनेक प्रिय सेवकों व शिष्यों ने हार्दिक प्रसन्नता प्रकट की और गुरुदेव से आशीर्वाद प्राप्त किया। ज्ञात रहे कि स्वामी श्रीरामनरेशाचार्य जी की पांच प्रवचन पुस्तिकाओं का लोकार्पण पहले हो चुका है। अपनी व्यावहारिकता के लिए चर्चित इन पुस्तिकाओं के नाम इस प्रकार से हैं। दुःख क्यों होता है, अच्छा कैसे सोचा जाए?, साधु कौन, अबलौ नसानी और आओ जीवन सिखा दूं। 

जय सियाराम

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