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Monday, 25 June 2012

प्रयाग में होगा चातुर्मास महोत्सव



जगदगुरु रामानन्दाचार्य पद पर प्रतिष्ठित स्वामी रामनरेशाचार्य जी महाराज के सान्निध्य में प्रयाग अर्थात इलाहाबाद में दिनांक ३ जुलाई २०१२ आषाढ़ पूर्णिमा से दिव्य चातुर्मास महोत्सव का शुभारम्भ होने जा रहा है, जिसका समापन ३० सितम्बर २०१२ को भाद्र पूर्णिमा के दिन होगा।
उल्लेखनीय है कि गंगा, यमुना के संगम की पावन धर्म नगरी प्रयाग आदि जगदगुरु रामानन्दाचार्य की जन्मस्थली है, अत: यहां जगदगुरु स्वामी रामनरेशाचार्य जी महाराज के चातुर्मास का अति विशेष महत्व है। प्रयाग के ठाकुर हरित माधव मंदिर, ४५/४२, मोरी दारागंज की पावन स्थली पर जगदगुरु अपनी साधु-संत मंडली के साथ ९० दिनों तक विराजमान रहेंगे। इन नब्बे दिनों के दौरान अनेक धार्मिक कार्यक्रम नियमित रूप से होंगे, तो कुछ विशेष व दुर्लभ धार्मिक आयोजन भी होंगे। हिन्दू संतों में चातुर्मास की परंपरा का एक तरह से लोप हो गया था, जिसे स्वामी रामनरेशाचार्य जी ने एक तरह से पुनजीर्वित किया है, जिसे वे पूरे भक्ति, भाव निरंतर मनाते आ रहे हैं। इस दौरान वे संतों के साथ-साथ आम जनों को भी सहज उपलब्ध होते हैं, सुबह से देर रात तक भक्तों की शंकाओं का समाधान करते, उन्हें सच्ची रामभक्ति का मार्ग बताते जगदगुरु एक अदभुत, व्यापक व दुर्लभ छवि प्रस्तुत करते हैं। पिछले वर्ष आपने इन्दौर में चातुर्मास किया था और उसके पहले वर्ष सूरत में, वे भारत में घूम-घूमकर भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में रामभक्ति की अलख जगाते रहे हैं। उनके चातुर्मास में देश भर से विभिन्न क्षेत्रों के विद्वान भी जुटते रहे हैं। विद्वतजन गोष्ठी और धर्माचार्य सम्मेलन की खास महत्ता रही है।



दैनिक कार्यक्रम 
परमप्रभु श्रीराम जी का पूजन    प्रात: ६ से ८
श्रीराम यज्ञ हवनात्मक            प्रात: ८ से ८-३०
देवर्षि पितृतर्पण यज्ञ                प्रात: ८-३० से ९
आचार्य पूजन                         प्रात: ९ से ९-३०
स्वाध्याय(रामतापनीयोपनिषद्)
एवं शाण्डिय भक्ति सूत्र              प्रात: १० से १२
श्रावण में प्रति सोमवार रुद्राभिषेक    मध्याह्न ११ से २
प्रवचन संतों एवं विद्वानों द्वारा    सायं ६ से ७
मंगलाशीर्वचन-आचार्यश्री द्वारा    रात्रि ७ से ८

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विशेष आयोजन
गुरु पूर्णिमा महोत्सव                   ३ जुलाई, मंगलवार
गोस्वामी तुलसीदास जयन्ती महोत्सव     २५ जुलाई, बुधवार
गणेश महोत्सव                          ५ अगस्त, रविवार
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव        १० अगस्त, शुक्रवार
नन्द महोत्सव                            ११ अगस्त, शनिवार
विद्वज्जन संगोष्ठी
धर्माचार्य सम्मेलन
समापन महोत्सव                        ३० सितम्बर