Wednesday 6 June 2012

श्रीमठ दर्शन

श्रीमठ की तीसरी मंजिल पर विराजमान पावन चरण पादुका और जगदगुरु रामानंदाचार्य जी महाराज
श्रीमठ की बाईं ओर के घाट और गंगा जी 

श्रीमठ की दायीं ओर के घाट और गंगा जी   

श्रीमठ के ठीक सामने का घाट और श्रीमठ की बोट (सबसे बड़ी वाली), बनारस की गलियों में जब भीड़ रहती है, तब महाराज जगदगुरु इसी बोट के सहारे दूसरी घाट पर जाकर वहां किसी सड़क वाहन में विराजते हैं. श्रीमठ तक किसी सड़क वाहन के जाने की सुविधा नहीं है. श्रीमठ से करीब एक सवा किलोमीटर दूर वाहन छोड़ देना पड़ता है, और फिर गलियों से होते हुए करीब दस- बारह जगह मुड़ने के बाद गंगा और श्रीमठ के दर्शन होते हैं. जब गलियों में ज्यादा भीड़ नहीं होती और जगदगुरु के पास पूरा समय होता है तो वे भी गलियों से होते हुए लोगों को दर्शन देते हुए निकलते हैं.


बस इतना ही बचा है श्रीमठ, ऊपरी मंजिल अर्थात पांचवी मंजिल पर महाराज के विश्राम का कमरा है, यह कमरा भी छोटा ही है, सुविधा के बहुत जरूरी सामान ही यहाँ हैं. जब यह कमरा नहीं बना था तब महाराज वर्षों तक चतुर्थ मंजिल में रामजी के बगल वाले छोटे से कमरे में रहते थे

चतुर्थ मंजिल पर रामजी के मंदिर के बाहर हॉल में महाराज के बैठने का स्थान झूला. यहाँ महाराज आगंतुकों से मिलते हैं.



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