Monday, 12 September 2011

चातुर्मास संपन्न

जगदगुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामनरेशाचार्य जी का इंदौर चातुर्मास आज संपन्न हो गया, गीता भवन इंदौर में चातुर्मास काल में महाराज जी के दर्शन के लिए देश और विदेश से भी भक्त पधारे. हिन्दू धर्माचार्यों में स्वामी जी का चातुर्मास बहुत महत्व रखता है, आम तौर पर चातुर्मास अत्यंत कठिन और पवित्र विधान है, स्वामी जी ने चातुर्मास की परंपरा को एक तरह से पुनर्जीवन दिया है. चातुर्मास काल में स्वामी जी का सानिध्य अत्यंत लाभकारी और उर्जावान हो जाता है. वे अपनी सम्पूर्ण उपस्थिति से राम भाव का संचार करते अनुभूत होते हैं. वे ऐसे महात्मा हैं, जिनके सामने अरबपति से लेकर गरीब तक सबका समान महत्व है. इस पावन काल में न केवल उनके भक्त बल्कि देश भर के विद्वान और संत महात्मा भी जुटते हैं, ऐसे ऐसे महत्मा जुटते हैं जिनके दर्शन आम दिनों में संभव नहीं. उनके तत्वावधान में केवल ब्राहमण सभा ही नहीं होती, स्वामी जी हरिजन बस्तियों में भी जाते हैं और अपने श्रीमठ की उपयोगिता एवं परम्परा का निर्वहन करते हैं.

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