राम जी जब अपने पिता के वरदान स्वरूप जंगल जा रहे थे। उन्हें वनवासी होने का वरदान दिया गया था। कैकई ने मांगा था, रामजी को १४ वर्षों का वनवास होगा और भरत को राजा बनाया जाएगा। वनवासी राम वनवासी वेष धारण करके वन की ओर निकल गए। उस पूरे वन यात्रा में, पिता की आज्ञा के पालन की यात्रा में राम जी ने सम्पूर्ण मानवता को लाभ पहुंचाया। यात्राओं का एक विशेष स्वरूप होता है। जैसे वनस्पति वैज्ञानिको की यात्रा, जैसे खनिज वालों की यात्रा, राजनेता की यात्रा। राजनेता यात्रा करता है, तो अपने वोट बैंक को मजबूत करता है।
दु:ख क्यों होता है?
दु:ख क्यों होता है?
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