ये जो आप सांस ले रहे हैं, आपके पिता जी का ऑक्सीजन है क्या? रतन टाटा भी ऑक्सीजन का बिल नहीं भरते हैं, अंबानी भी बिल नहीं भरते हैं? दान हुआ। आकाश हमारे पिता जी के द्वारा निर्मित है क्या? किसी ने दान किया है। हम ले रहे हैं, लेकिन लौटा नहीं रहे हैं। जिसने वायु, चंद्रमा, आकाश और सब कुछ दिया, जिसको हम सुप्रीम पावर कहते हैं, उसी ने वेद दिए। माना जाता है, वेद सृष्टि के साथ हमेशा चलते रहते हैं। वे ऐसे हैं, जिनका कभी नाश नहीं होता।
एक बार राधाकृष्णन से
किसी ने विदेश, शायद अमरीका या
जर्मनी, में पूछा था, 'आप धर्म पर नहीं, सनातन धर्म पर बोलिए कि आपके धर्म में सनातनत्व कैसा है?
राधाकृष्णन ने कहा,
'अमरीका, यूरोप, जापान के लोग
बतलाएं, मिस्र और रोम के लोग
बतलाएं कि क्या आपके यहां सौ साल पुरानी कोई ऐसी चीज या परंपरा है, जिसे आप आज भी चला रहे हों?
उन्हें जवाब मिला,
'नहीं है।
तो राधाकृष्णन ने जवाब
दिया, 'सनातनत्व यह है कि हमारे
यहां राम जी की शादी जैसे और जिस विधिविधान से हुई थी, आज भी उसी तरह से हमारे यहां रिक्शा चलाने वाले की भी शादी
होती है।
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